INDICATORS ON SHIV CHALISA LYRICSL YOU SHOULD KNOW

Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

Lord, when the ocean was churned as well as the lethal poison emerged, out of your respective deep compassion for all, You drank the poison and saved the whole world from destruction. Your throat became blue, Therefore You will be known as Nilakantha.

श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को more info जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते shiv chalisa lyricsl हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

This page includes term-by-phrase Shiv Chalisa lyrics in Hindi and English. Meaning of each line along with advantages of reciting Shiv Chalisa. Shiv chalisa praises the Lord and asks for his help in taking away all the problems with the devotees lifestyle. It can be advised that you emphasis your mind on Lord Shiva or his picture and say this prayer consistently.

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

बृहस्पतिदेव की कथा

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष Shiv chaisa महँ मारि गिरायउ॥

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